Honeymoon Photographer Review: इस वेब सीरीज के बाद आप अपनी शादी की तस्वीरें खिंचवाने से तौबा कर लेंगे, आशा नेगी की एक्टिंग ही एकमात्र उम्मीद
Honeymoon Photographer Review: वेब सीरीज ‘हनीमून फोटोग्राफर‘ का नाम सुनते ही दिलचस्पी जाग उठती है। हनीमून जैसे शब्द हमेशा लोगों में उत्सुकता पैदा करते हैं। यह वेब सीरीज हाल ही में जियो सिनेमा पर रिलीज़ हुई है। जियो सिनेमा इन दिनों काफी कंटेंट बना रहा है और कई बार कुछ अच्छा कंटेंट भी पेश कर रहा है। हालांकि, कुछ अच्छे शोज़ और फिल्मों को वो प्रमोशन नहीं मिल पाता जितना उन्हें मिलना चाहिए। ‘हनीमून फोटोग्राफर’ भी एक ऐसा ही शो है, जिसे प्रमोशन की कमी झेलनी पड़ी।
लेकिन क्या यह वेब सीरीज वाकई में प्रमोशन के लायक थी? या फिर इसे कम प्रमोशन मिलना इसके औसत दर्जे का होना ही था? आइए, इस रिव्यू के माध्यम से जानते हैं कि क्या ‘हनीमून फोटोग्राफर’ देखने लायक है या नहीं।
कहानी का सार
सीरीज की कहानी की शुरुआत अधीर (साहिल सलाथिया) से होती है, जो एक मशहूर फार्मास्युटिकल कंपनी के मालिक का बेटा है। अधीर अपनी पत्नी जोया (अपेक्षा पोर्वाल) के साथ हनीमून पर जाता है, लेकिन अपनी पत्नी को छोड़कर फोटोग्राफर अंबिका (आशा नेगी) की तरफ आकर्षित हो जाता है। इस बीच, अधीर के कंपनी की दवाइयों की वजह से एक महिला के किसी प्रिय की मौत हो जाती है और वह अधीर को थप्पड़ मार देती है।
पहले ही एपिसोड में, अधीर मालदीव के समुद्र में डूब जाता है और उसकी हत्या का रहस्य कहानी का मुख्य विषय बन जाता है। सवाल यह है कि अधीर की हत्या किसने की? और यही इस वेब सीरीज की सबसे कमजोर कड़ी भी साबित होती है।
कैसी है वेब सीरीज?
पहले एपिसोड के बाद दर्शकों को उम्मीद बंधती है कि यह सीरीज रोमांचक होगी। कहानी का आधार दिलचस्प लगता है, लेकिन जब आप इसके पूरे सीजन को देखते हैं, तो यह दूसरी मर्डर मिस्ट्रीज़ के मुकाबले बेहद हल्की नजर आती है। हाल के समय में आई कई बेहतर मर्डर मिस्ट्री वेब सीरीज के मुकाबले ‘हनीमून फोटोग्राफर’ एक छोटे बच्चे की तरह लगती है। इसकी कहानी में वो टि्वस्ट और टर्न्स नहीं हैं जो इसे रोमांचक बना सकें। दर्शक आसानी से अगले सीन की भविष्यवाणी कर सकते हैं, जिससे सस्पेंस कहीं खो जाता है।
प्रोडक्शन वैल्यू और निर्देशन
इस सीरीज की प्रोडक्शन वैल्यू भी बहुत कम है। लोकेशंस और सिनेमैटोग्राफी ठीकठाक हैं, लेकिन उसमें भी वो चमक नहीं है जो एक उच्च गुणवत्ता वाली वेब सीरीज में होती है। मालदीव जैसी खूबसूरत जगहों को दिखाने के बावजूद, दृश्य उतने प्रभावशाली नहीं बन पाए हैं।
निर्देशन के स्तर पर भी कुछ खास सुधार की गुंजाइश थी। दर्शक हर मोड़ पर उत्सुकता बनाए रखने की उम्मीद करते हैं, लेकिन यहां वह महसूस नहीं हो पाती। यह एक ऐसी वेब सीरीज है जिसे आप बैकग्राउंड में चलते रहने के लिए देख सकते हैं, जबकि आप कुछ और काम कर रहे हों।
अभिनय का स्तर
अगर इस सीरीज में कुछ बचा है, तो वह है आशा नेगी की अदाकारी। उन्होंने फोटोग्राफर अंबिका के किरदार को अच्छे से निभाया है। उनकी उपस्थिति पर्दे पर ध्यान खींचती है और उनका अभिनय भी सशक्त है। आशा नेगी ने अपने किरदार को वास्तविकता के करीब दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
इसके अलावा, अपेक्षा पोर्वाल, जिन्होंने जोया का किरदार निभाया है, ने भी अपनी भूमिका को अच्छे से निभाया है। साहिल सलाथिया, जो पहले ही एपिसोड में दिखाई देते हैं, ने भी अपने हिस्से का काम सही ढंग से किया है। परंतु इन तीनों के अलावा अन्य कलाकार दर्शकों पर कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ते।
कमजोरियाँ
इस वेब सीरीज की सबसे बड़ी कमजोरी इसका कमजोर पटकथा लेखन है। कहानी का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है और यह कहीं न कहीं दर्शकों की रूचि को कम कर देती है। दूसरी बात, इसमें वो रोमांच और सस्पेंस नहीं है जो एक मर्डर मिस्ट्री को खास बनाता है। इसके अलावा, सीरीज का संवाद और बैकग्राउंड स्कोर भी औसत दर्जे का है।
सीरीज की शुरुआत में यह आशा बंधती है कि कहानी कहीं गहरी और रोमांचक दिशा में जाएगी, लेकिन जैसे-जैसे एपिसोड्स आगे बढ़ते हैं, वो उम्मीद टूटती जाती है। इसके 6 एपिसोड हैं और हर एपिसोड के साथ कहानी की पकड़ कमजोर होती चली जाती है।
क्या यह वेब सीरीज देखी जानी चाहिए?
अगर आप एक मर्डर मिस्ट्री के बड़े फैन हैं और हाल ही में देखी गई बेहतरीन वेब सीरीजों के बाद कुछ नए ट्विस्ट्स और थ्रिल्स की उम्मीद कर रहे हैं, तो शायद ‘हनीमून फोटोग्राफर’ आपको निराश करेगी। हालांकि, अगर आप सिर्फ समय बिताने के लिए या बैकग्राउंड में कुछ चलते रहने के लिए देखना चाहते हैं, तो आप इसे एक बार देख सकते हैं।
सीरीज आपको शानदार मनोरंजन नहीं देगी, लेकिन अगर आप आशा नेगी के फैन हैं या उन्हें पर्दे पर देखना पसंद करते हैं, तो यह आपके लिए एक आकर्षण का केंद्र हो सकता है।